MP NEWS : मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने 11 जूलाई को वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा है कि वन अधिकार पट्टा धारकों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ समुचित रूप से मिलना चाहिए।
साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ तो पट्टा धारकों को अनिवार्यत: दिया जाए। माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा उक्त निर्देश वन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए गए। साथ ही उन्होंने वन अधिकार पट्टा धारकों के लिए खेल मैदान, हाट बाज़ार, मढ़ई-मेले और श्मशान घाट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रमुख पदाधिकारी बैठक में उपस्थित हुए
मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित राजभवन में आयोजित बैठक में वन, पर्यावरण और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान, जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर और अपर मुख्य सचिव वन विभाग श्री अशोक कुमार बर्णवाल मौजूद थे।
वन मित्र पोर्टल का भी जायजा लिया
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने बैठक में वन मित्र पोर्टल की समीक्षा भी की, उन्होंने कहा कि पोर्टल को आवेदक फ्रेंडली और पात्र हितग्राहियों की सहूलियत का विशेष ध्यान रखकर बनाया जाए।
जनजातीय समुदाय को पीएम जनमन योजना के तहत मिले प्राथमिकता
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि जनजाति समुदाय को पीएम जनमन योजना के विभिन्न घटकों को के तहत प्राथमिकता से लाभ देना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैठक में PVTGs (Particularly vulnerable tribal groups) वनधन केंद्रों की स्थापना की भी समीक्षा करी। साथ ही राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वन अपराधों में जनजातीय व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों का गंभीरता के आधार पर वर्गीकरण कर त्वरित निराकरण के लिये मानिटरिंग की जानी चाहिए।
कईं मुद्दों पर चर्चा कर दिशानिर्देश दिए
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने बैठक में अन्य कईं मुद्दों जैसे लघु वनोपज संग्रहण अधिकार, वन ग्रामों का राजस्व ग्रामों में परिवर्तन, नवीन ग्राम सभाओं के गठन तथा उसके पश्चात उनके नक्शों और सीमांकन की स्थिति, तेंदू-पत्ता का संग्रहण, गौण वनोपज का संग्रहण उनका प्रबंधन तथा विपणन, वनोपज की खरीदी एवं बिक्री, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय-विक्रय, वन संसाधन योजना एवं नियंत्रण समिति के गठन, गौण वनोपज के प्रबंधन हेतु सूक्ष्म प्रबंध योजना, खनिज स्वामित्व को लेकर ग्राम सभाओ की स्थिति, आदि के विभिन्न बिंदुओं की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए।
वन मंत्री ने भी जनजातियों को दिया आश्वासन
वन मंत्री श्री नागर सिंह चौहान ने कहा है कि लघु वनोपज संग्रहण की नीतियों में जनजातीय वर्ग के हितों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा, जनजातियों के हितों का संरक्षण हमारी प्राथमिकता है।
बैठक में जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर जी ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण और गौण वनोपज के संग्रहण, प्रबंधन और विपणन में पेसा एक्ट (PESA ACT) के प्रावधानों को लागू करने के प्रयासों को और अधिक विस्तारित किया जाए। पेसा एक्ट के प्रावधानों के आधार पर वनोपज संग्रहण, प्रबंधन और विपणन को और अधिक हितग्राही मूलक बनाने के संबंध में भी चिंतन किया जाए और इसे और अधिक सुलभ बनाया जाए।
- सिकल सेल रोग के लिए उचित आयुष औषधियों को करें चिन्हित
- कार्य योजना तैयार करें आयुष विभाग – राज्यपाल श्री पटेल
राजभवन में आयुष विभाग की हुई बैठक भी हुई
गुरूवार 11 जुलाई को राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल राजभवन में आयुष विभाग की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में कईं महत्वपूर्ण निर्देश दिए जिनमें सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (Sikle cell anaemia elimination mission) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्य योजना तैयार करने पर विशेष बल दिया। साथ ही उन्होंने अभियान की गतिविधियों के लिए आवश्यक वित्तीय बजट का प्रावधान करने का भी आश्वासन दिया।
पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का किया जाए समायोजन
प्रदेश में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक औषधियों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है। जनजातीय समुदाय के रूप में पारंपरिक चिकित्सा के ज्ञान का समृद्ध भंडार हमारे पास मौजूद है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ इसे समायोजित किए जाने की आवश्यकता है। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विभाग को निर्देशित किया कि जनजातीय बहुल इलाकों में शिविर लगाकर आयुर्वेद आधारित पारंपरिक चिकित्सा ज्ञान के विशेषज्ञों के साथ सिकल सेल उपचार संबंधी जानकारियों को साझा किया जाए, और उनके अनुभवों तथा ज्ञान को संयोजित किया जाए; साथ ही सिकल सेल एनीमिया रोग के लिए उचित आयुष औषधियों को चिन्हित कर उनका समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
आयुष मेडिकल किट तथा आयुष मेडिकल यूनिट भी की जा रही है तैयार
मध्य प्रदेश सरकार में आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि विभाग द्वारा समेकित चिकित्सा की कार्य योजना तैयार की गई है। अन्य चिकित्सा पद्धतियों के साथ आयुष पद्धतियों के सामंजस्य के साथ रोग निदान प्रयासों में सहयोग किया जा रहा है। आयुष औषधियों की मेडिकल किट को भी तैयार किया गया है।जिन रोगों के लिए एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में उपचार औषधि उपलब्ध नहीं है उनके लिए आयुष चिकित्सा पद्धतियों को विकसित करने का विशेष प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि विशेष रूप से वंचित जनजातीय समुदायों (PVTGs) विकास खंडों में राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत आयुष मोबाइल युनिट गठित किया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण में मंडला, बालाघाट (बैहर), डिंडोरी, अनूपपुर (पुष्पराजगढ़), शहडोल, उमरिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, छिंदवाड़ा (तामिया) और ग्वालियर (डबरा) में आयुष मोबाइल यूनिट को स्थापित किया जाएगा।
जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर ने बताया कि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया रोग की स्क्रीनिंग का कार्य तेज गति से प्रगति पर हैं। अभी तक लक्षित आबादी में 55 लाख से भी अधिक लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है और इस कार्य में खासी सफलता भी प्राप्त हुई है क्योंकि स्क्रीनिंग के दौरान 1 लाख 50 हजार रोगियों अथवा वाहकों को चिन्हित किया गया हैं।
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