CM Rise Yojana 2024: प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु सी. एम. राइज स्कूलों का हो रहा है तेजी से निर्माण–मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग शासकीय स्कूलों में शिक्षा संबंधी गुणात्मक सुधार के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रहा है। इस दिशा में उनका मुख्य फोकस अवसंरचनात्मक सुधारों पर है। मध्य प्रदेश के स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न जिलों में सी.एम. राइज स्कूल (CM Rise School) खोल रही है और पहले चरण में 275 सी.एम. राइज स्कूल बनाकर तैयार करने और जल्द ही उनका संचालन प्रारंभ करने की योजना है। अच्छी बात यह है कि दूसरे चरण में इस गति को कईं गुना बढ़ाते हुए प्रदेश में 5 हजार 986 स्कूलों को सीएम राइज स्कूल के रूप में विकसित करने का कार्यक्रम तैयार किया गया है, जो दर्शाता है कि मध्य प्रदेश सरकार स्कूली शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।
शाजापुर में बनकर तैयार हो चुका है पहला सी. एम. राइज स्कूल
मध्य प्रदेश के सी. एम. राइज स्कूल योजना का पहला सर्व-सुविधायुक्त स्कूल (शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गुलाना) शाजापुर में लोकार्पित हो चुका है।
जल्द ही तैयार होंगे 270 सी. एम. राइज स्कूल
जैसा कि हम पहले ही चर्चा कर चुके हैं, पहले चरण में 275 सी. एम. राइज स्कूलों का निर्माण किया जाना है, इनमें से कुछ तो बनकर तैयार हैं और 270 सी. एम. राइज स्कूलों के भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। गौरतलब है कि इनमें से 247 विद्यालयों में भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है, और वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 122 सी. एम. राइज स्कूल भवन निर्माण पूरे कर लिए जायेंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर भी सी. एम. राइज स्कूल योजना को मिल चुकी है पहचान
वर्ष 2023 में सी. एम. राइज स्कूल योजना को गुणवत्तायुक्त, समावेशी शिक्षा, एवं सुशासन की श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड भी प्राप्त हो चुका है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में संचालित सी. एम. राइज स्कूल में बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क परिवहन सेवा का भी प्रावधान है, जिसकी पूरे देश में सराहना हुई है।
32 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पिछले तीन शिक्षा सत्रों के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं अन्य पदों पर लगभग 32 हजार से भी अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है। यह दर्शाता है कि मध्य प्रदेश सरकार बच्चों के भविष्य को सुधारने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
बच्चों के लार्निंग आउटकम को सुधारने पर भी है सरकार का फोकस
छोटे बच्चों, खासकर कक्षा 1 और 2 के बच्चों के लिए राज्य सरकार ने दक्षता फ्रेमवर्क भी तैयार किया है। इसमें निर्धारित लर्निंग आउटकम के आधार पर हिन्दी, अंग्रेजी एवं गणित की अभ्यास पुस्तिकाएं एवं लर्निंग किट तैयार कर वितरित किए गए हैं। इसके अंतर्गत सरकार का मुख्य बाल बच्चों के लार्निंग आउटकम को सुधारने पर होगा।
सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना के लिए 57 करोड़ किए गए हैं ट्रांसफर
प्रदेश में सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना के अंतर्गत कक्षा 7 से 12 में अध्ययनरत 19 लाख छात्राओं के बैंक खातों में 57 करोड़ रूपये की राशि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की गई है। इससे उनकी हेल्थ और हाइजीन में सुधार होगा जिसका परीणाम उनके अच्छे स्कोरकार्ड के रुप में दिखने को मिलेगा।
लाखों बच्चों को नि:शुल्क साइकिल वितरण भी किया गया है
उपरोक्त प्रयासों के अलावा मध्यप्रदेश सरकार बच्चों को स्कूल सुविधाजनक तरीके से पंहुचाने के लिए नि:शुल्क साइकिल का वितरण भी कर रही है। इस वर्ष (2024-25) 4 लाख 50 हजार पात्र छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल प्रदान की जाएगी।
ग्रामीण शिक्षकों के लिए आवास योजना को भी मिल चुकी है स्वीकृति
शैक्षणिक व्यवस्था में और अधिक गुणवत्ता लाने के लिए नवीन शिक्षक आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण शिक्षकों को आवास योजना की स्वीकृति भी मिल चुकी है।
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