MP NEWS : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर किया महत्वपूर्ण संगोष्ठी का शुभारंभ–पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (23 अगस्त 2024) के अवसर पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा “टचिंग लाइव्स वाइल टचिंग द मून” नामक शीर्षक पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी राज्य शासन द्वारा इसरो, राष्ट्रीय महिला आयोग, रामभाऊ महाल्गी प्रबोधिनी और अर्थसाइट फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित की गई।
इसका आयोजन अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में किया गया। यह संगोष्ठी जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महिलाओं के क्षमता संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गौरतलब है कि गत वर्ष 23 अगस्त को चंद्रयान- 3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का आव्हान किया गया था।
टेक्नोलॉजी के उपयोग से मिलेगी विकास प्रक्रिया को गति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आयोजन के दौरान कहा कि स्वदेशी सैटेलाइट के बहुआयामी उपयोग से स्थानीय स्तर पर सहभागिता को प्रोत्साहन मिलेगा जो अंततः प्रदेश की विकास प्रक्रिया को गति प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी तकनीक का जमीनी स्तर पर उपयोग सुनिश्चित करते हुए प्रदेशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने और विकास की प्रक्रिया में जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा में खगोल शास्त्र का विशेष स्थान रहा है। प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ग्रहों और उपग्रहों का उल्लेख है, साथ ही इस संबंध में विभिन्न अवधारणाएं भी इस तथ्य का परिचायक हैं। भारतीय पंचांग पद्धति में तिथियों की विस्तृत व्याख्या और सटीकता भी भारतीय खगोल शास्त्र की विश्वसनीयता को दर्शाती हैं।
जनप्रतिनिधियों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा जियो स्पेशियल तकनीक का उपयोग
जिओ स्पेशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्षमता संवर्धन से जनप्रतिनिधियों के लिए विकास गतिविधियों के संबंध में निर्णय लेना सुगम होगा। इस तकनीक से विकास गतिविधियों में अधिक पारदर्शिता और गति आएगी। जियो स्पेशियल तकनीक के क्षेत्र में दक्षता संवर्धन के लिए भारत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आरंभ किया गया है, इससे जनप्रतिनिधियों को वास्तविक स्थिति के अनुसार निर्णय लेने और योजना क्रियान्वयन के बेहतर अन्वेक्षण में सहायता मिलेगी। ग्रामीण स्तर पर विकास परियोजनाओं के अधिक प्रभावी क्रियान्वयन में महिला जनप्रतिनिधियों को और अधिक दक्ष व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उनकी क्षमता संवर्धन के लिए भी इस कार्यशाला में विस्तार से चर्चा हुई।
स्पेस टेक्नोलॉजी मानव जीवन के लगभग हर क्षेत्र को कर रही है प्रभावित
स्पेस टेक्नोलॉजी तेजी से मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बनती जा रही है। इसके उपयोग से हमारा दैनिक जीवन सुगम हो रहा है। आज लगभग हर एक महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी किसी न किसी रूप में स्पेस तकनीक से जुडी हुई। साथ ही स्पेस टेक्नोलॉजी की मदद से कृषि, वन, जल, सुरक्षा, संसाधन मैपिंग, निगरानी आदि अनेक क्षेत्रों का प्रबंधन भी अधिक पारदर्शी और जनोन्मुखी तरीके से किया जा सकता है।
कार्यक्रम में निम्नलिखित हस्तियां हुई थी शामिल
संगोष्ठी में सुशासन संस्थान के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री लोकेश शर्मा, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुश्री मीनाक्षी नेगी, राम भाऊ महालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय उपस्थित थीं।
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