MP News : MP में जनजातीय युवाओं के स्वरोजगार व विकास के लिए ये 3 योजनाएं चलाई जा रही हैं

MP News : MP News। MP update। MP latest news। MP CM। MP Cabinet decisions। Mohan yadav। Govt of MP। MP govt schemes। MP government। Bhagvan Birsa Munda svarojgar yojana। Tantya Mama aarthik Kalyan yojana। MPTFDC द्वारा प्रदेश के आदिवासियों हेतु निम्नलिखित 3 योजनाएं चलाई जा रही है–जनजातीय कार्य विभाग के अधीन कार्यरत मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम (MP Tribal finance and development corporation) द्वारा तीन नई वित्तीय सहायता योजनाएं संचालित की जा रही हैं,

इनमें टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना, भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इन योजनाओं के माध्यम से जनजातीय वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उनके समग्र कल्याण हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। इन तीनों योजनाओं से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य यहां बताए गए हैं।

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भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना

इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में जनजातीय वर्ग के युवाओं को विनिर्माण गतिविधियों के लिए 1 से 50 लाख रूपये तथा सेवा व्यवसाय गतिविधियों के लिए 1 से 25 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से दी जाती है। इस योजना के लिए परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित लोन पर 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जाता है। तथा योजना के अंतर्गत अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण देने का भी प्रावधान है।

गौरतलब है कि योजना का क्रियान्वयन शासन द्वारा निर्धारित ‘समस्त पोर्टल’ के माध्यम से किया जा रहा है, तथा पोर्टल पर यह योजना ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना’ में ही समन्वित है। योजना के तहत पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्रारम्भ हो चुके है। इच्छुक व्यक्ति पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं।मध्य प्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा ‘भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना’ के तहत बैंकों द्वारा आवेदन मंजूर कर लगभग 900 पात्र हितग्राहियों को 33 करोड़ 70 लाख रुपए की वित्तीय सहायता वितरित की गई।

टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना

इस योजना के अंतर्गत जनजातीय युवाओं को 10 हजार से एक लाख रुपए तक की स्व-रोज़गार कार्यों के लिए बैंकों के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। राज्य शासन द्वारा बैंक ऋण पर अधिकतम 5 वर्षों के लिए 7 % ब्याज अनुदान एवं बैंक गारंटी दी जाती है।’टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना’ के अधीन बैंकों द्वारा 1130 आवेदन मंजूर कर 905 पात्र हितग्राहियों को लगभग 5 करोड़ रूपए से अधिक की वित्तीय सहायता वितरित की गई।

इन दोनों योजनाओं से संबंधित विस्तृत जानकारी एवं लाभ प्राप्ति के लिए “समस्त पोर्टल” पर लॉग-इन कर या जिलास्तर पर सहायक आयुक्त/जिला संयोजक, जनजातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति कल्याण कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष वित्त पोषण योजना

इसी प्रकार ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष वित्त पोषण योजना’ में जनजातीय युवाओं को आजीविका, स्वरोजगार एवं नवाचार से संबंधित सामुदायिक अधोसंरचना निर्माण तथा इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों के विकास कार्यों हेतु सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

इस योजना के अंतर्गत 2 करोड़ रूपये तक की ऐसी परियोजनाएं, जिनका क्रियान्वयन लाईन विभागों की किसी प्रचलित योजना/परियोजना में किया जाना संभव नहीं हो पाता है, उनका 100% शासन अनुदान से वित्त पोषण किया जाता है। इस योजना का क्रियान्वयन लाईन विभागों/कलेक्टर के माध्यम से किया जा रहा है।

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